संदेश
"यदि आप सफल होना चाहते हैं तो पहले शिक्षित बनिए।"
("भारत रत्न बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर")
बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, भविष्य के नेतृत्त्वकर्ताओं को समर्पित उच्च शिक्षा का एक प्रमुख संस्थान है। विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। हमारा लक्ष्य एक ऐसी संस्कृति का निर्माण करना है, जो 21 वीं सदी की समस्त जटिलताओं को समाप्त करने, सभी को अपनी पूरी क्षमता के साथ कार्य करने तथा आवश्यक नवाचार, समावेशिता और सामाजिक जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने पर केंद्रित हो।
डॉ0 अम्बेडकर द्वारा प्रतिपादित सामाजिक न्याय और समानता का दर्शन एक प्रकाश स्तंभ के रूप कार्य करता है, जो हमे एक समावेशी समाज बनाने के लिए हमारे शिक्षण, अनुसंधान और विभित्र गतिविधियों को करने में मार्गदर्शन करता है। हमारा ध्यान अपने छात्रों की क्षमताओं को विकसित करना है जिससे वे हमेशा बदलते परिवेश को समझ सकें और उसका विश्लेषण कर सकें, साथ ही वे मानवीय मूल्यों को समाज के सभी क्षेत्रों में बनाए रखने हेतु प्रभावी निर्णय ले सकें। हम सभी का उद्देश्य छात्रों के चरित्र-निर्माण और समय व्यक्तित्व विकास की पंचकोश आधारित शिक्षा के संभावित लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
विश्वविद्यालय को ‘स्वच्छ परिसर-हरित परिसर’ के अनुपालन में पर्यावरण-आदर्श के रूप में निर्मित करना हमारा मुख्य ध्येय है इसके साथ ही छात्रों के लिए ऐसे मंच का निर्माण करना है जिसके माध्यम से वे अपने व्यक्तित्व को निखार सकें और अपने भीतर सर्वश्रेष्ठ खोज सकें। हम नृत्य, नाटक, संगीत, फोटोग्राफी, साहित्य आदि जैसे विभिन्न क्लबों को स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, जिसके माध्यम से शिक्षार्थी अपनी रुचि के अनुरुप क्लब का चयन कर अपनी प्रतिभा को विकसित कर सकेंगे।
मेरा प्रयास ऐसे कार्य को बढ़ावा देना है जिसमें जिज्ञासा, रचनात्मकता की स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय और समावेशिता, विविधता, संसाधनों का विवेकपूर्ण प्रबंधन, नवाचार और उद्यमिता सीखने के साथ-साथ समाज और राष्ट्र निर्माण में भी अपना योगदान देने की प्रवित्ति निर्मित हो। हम राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की परिवर्तनकामी क्षमता को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो उच्च शिक्षा को लचीला, बहु-विषयक और परिणाम-उन्मुख बनाने की कल्पना करती है, साथ ही अंतर्विषयी शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा तथा उच्च शिक्षा संस्थानों (एच0ई0आई) और उद्योग के बीच की कड़ी को मजबूत करती है।
हमारा ध्यान गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, सामाजिक समस्याओं को संबोधित करने की क्षमता वाले प्रभावशाली अनुरोधान और भौतिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करना, प्रयोगशालाओं को उन्नत करना, शिक्षक-शिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों में आई0सी0टी0 का उपयोग करना तथा तदनुरूप पारिस्थितिकी तंत्र बनाकर अकादमिक गतिविधियों को बेहतर करना है।
मित्रों इस ज्ञान पथ पर निकलते हुए, मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि आप नवाचार, उद्यमशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को अपनाएं तथा मिलकर काम करें, जिससे यह विश्वविद्यालय न केवल उत्कृष्टता का केंद्र बने, बल्कि हमारे समाज में सकारात्मक बदलाव का उत्प्रेरक भी बने, जो विकसित भारत के निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम हो।
मुझे विश्वास है कि सभी के उत्साह, सक्रिय भागीदारी, स्वयंसेवा और परिवर्तन की प्रेरणा के साथ, हम विश्वविद्यालय को एक ऐसा संस्थान बना सकते हैं जो समाज में परिवर्तन लाने की अपनी क्षमता के लिए जाना जाये।
मित्रों, हम साथ मिलकर दुनिया बदल सकते हैं।